
Akshaye Khanna In Dhurandhar: आदित्य धर की डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘धुरंधर’ रिलीज के पहले ही लोगों के बीच सुर्खियां बटोर रहा है, लेकिन इसकी चर्चा दोगुनी इसके रिलीज के बाद हो गई. फिल्म को लोगों ने काफी पसंद किया है और इसने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा कलेक्शन किया है. फिल्म में लोगों ने इसके किरदारों को काफी प्यार दिया है, लेकिन जिसने सबसे ज्यादा चर्चा बटोरी है, वो रहमान डकैत की भूमिका है, जिसने अक्षय खन्ना ने निभाई है. इस किरदार ने सोशल मीडिया पर धूम मचा रखा है.
5 दिसंबर को सिनेमाघरों में ‘धुरंधर‘ रिलीज हुई, इस फिल्म में रणवीर सिंह, संजय दत्त, आर माधवन, अक्षय खन्ना और अर्जुन रामपाल जैसे एक्टर शामिल हैं. फिल्म देखने के बाद से लोगों ने इसके लिए काफी अच्छा रिस्पॉन्स दिया, इसके साथ ही इसके किरदारों को भी खूब पसंद किया. लेकिन सबसे ज्यादा किसी किरदार की चर्चा की जा रही है, तो वो सरदार अब्दुल रहमान बलूच उर्फ रहमान डकैत है, जिसे अक्षय खन्ना ने पर्दे पर बखूबी उतारा है.
13 साल में पहली हत्या
इस असल रहमान डकैत के बारे में बात करें, तो ये एक ऐसा नाम है, जिससे एक वक्त पर लोगों में खौफ पैदा हो जाता था. रहमान डकैत का जन्म साल 1979 में मोहम्मद दादल के घर हुआ था, लेकिन उसका जन्म सरदार अब्दुल रहमान बलूच के तौर पर हुआ था. बाद में अपनी क्रूरता से उसने अब्दुल रहमान बलूच की जगह रहमान डकैत को पैदा कर लिया. काफी कम उम्र में रहमान डकैत ने क्राइम शुरू कर दिया था. बताया जाता है कि उसने पहली हत्या 13 साल की उम्र में ही की थी.
मां का कर दिया था कत्ल
वहीं जहां लोग उसकी क्रूरता की बात करते हैं, तो वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया है कि उसने केवल 15 साल की उम्र में अपनी मां का भी कत्ल कर दिया था. कहा जाता है कि उसके पिता के मौत के बाद से उसे शक था कि जिस गैंग ने उसके पिता की हत्या की थी, उसकी मां का उस गैंग से ताल्लुक है. इस शक के बुनियाद पर उसने अपनी मां को मार दिया था. हालांकि, इस खबर में कितनी पुष्टि है इसकी जानकारी नहीं है, क्योंकि इस कहानी को कई तरह से सामने लाया जा चुका है.

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सिर से खेलता था फुटबॉल
लेकिन, रहमान की क्रूरता काफी ज्यादा थी, 90 के दशक में उसने रहमान हाजी लालू की गैंग ज्वाइन कर ली. लेकिन, कुछ वक्त बाद रहमान हाजी लालू की मौत हो गई, जिसके बाद उसने गैंग संभालना शुरू कर दिया. बताया जाता है कि कराची के ल्यारी इलाके में रहमान डकैत की मर्जी के बिना कोई भी फैसला नहीं लिया जाता था. इस रास्ते पर आने के बाद उसने अपने चचेरे भाई को भी मरवा दिया था. उसके किस्सों के बारे में ये भी कहा जाता है कि वो किसी को मौत के घाट उतारने के बाद उसके सिर से गैंग के साथ फुटबॉल खेला करता था.
2009 में हुई हत्या
इन सभी के साथ उसने पॉलिटिक्स में भी किस्मत आजमायी थी. आखिर में साल 2009 में पुलिस के साथ मुठभेड़ में रहमान डकैत ने आखिरी सांसें ली. हालांकि, फिल्म में उसके किरदार के लिए अक्षय खन्ना को कास्ट करना फिल्ममेकर का एक अच्छा दांव था. फिल्म के पहले पार्ट के बाद अब दूसरे पार्ट को लेकर लोगों में काफी एक्साइटमेंट है. अक्षय खन्ना के अलावा भी फिल्म में शामिल और किरदारों ने भी काफी तारीफें बटोरी हैं.
