
भगवद गीता को हिंदू धर्म का सबसे पवित्र ग्रंथ माना जाता है. माना जाता है कि गीता को नियमित रूप से पढ़ने पर व्यक्ति अपनी लाइफ में कई अच्छे अनुभवों से गुजरता है. कहने को भगवद गीता हिंदुओं का धर्म ग्रंथ है, लेकिन गीता का पाठ कोई भी, किसी भी धर्म का व्यक्ति कर सकता है और अपनी लाइफ को एक सही रास्ते पर ले जा सकता है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण सिनेमा का एक मशहूर मुस्लिम डायरेक्टर है जो बचपन से भगवद गीता पढ़ रहा है.
इस डायरेक्टर ने खुद एक बातचीत के दौरान ये खुलास किया था. उन्होंने बताया था कि जब वो छठी क्लास में थे तब से गीता का पाठ कर रहे हैं और इससे उनकी लाइफ में काफी बदलाव आया है. इतना ही नहीं ये सिलसिला अब भी जारी है. तो चलिए जानते हैं कि आखिर भगवद गीता का पाठ करने वाला ये मुस्लिम डायरेक्टर कौन है?
छठी क्लास से शुरू हुआ भगवद गीता पढ़ने का सफर
तो अब बिना देर किए आपको बता देते हैं कि वो डायरेक्टर है इम्तियाज अली. कई शानदार फिल्में बना चुके इम्तियाज इस्लाम धर्म से नाता रखते हैं, लेकिन उनका हिंदू धर्म के प्रति भी झुकाव है और ये झुकाव या लगाव अभी से या कुछ सालों पहले से नहीं, बल्कि बचपन से है. उन्होंने 2024 में एक पॉडकास्ट में खुलासा किया था कि वो बचपन से गीता पढ़ रहे हैं.
मई 2024 में इम्तियाज पॉपुलर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया के पॉडकास्ट पर पहुंचे थे. तब उन्होंने भगवद गीता पर बात करते हुए कहा था, ”मैंने बहुत छोटी उम्र में ही हिंदू मैथोलॉजिकल किताबें पढ़ ली थीं और इसका मेरे जीवन में काफी असर भी पड़ा. मैं इसे बिना पढ़े नहीं रह पाया. मुझे इसके मायने समझ में आने लगे. भगवद गीता मेरे जीवन में भी एक महत्वपूर्ण किताब है. ये वो किताब है जिसे आज भी आप मेरी टेबल पर पाएंगे. छठी क्लास में मैं ट्रेन से सफर कर रहा था और मेरी जेब में ज्यादा पैसे नहीं थे और इत्तेफाक ये हुआ कि गीता ही वो किताब थी रेलवे स्टेशन पर जिसे मैं अफोर्ड कर सकता था. मुझे ऐसा भी लगा कि मेरे आस-पास जो लोग हैं उन्हें सोचकर अजीब लग रहा होगा कि मैं गीता क्यों पढ़ रहा हूं.”
गीता पढ़ने पर खुद को लकी मानते हैं इम्तियाज
इम्तियाज अली खुद को लकी मानते हैं कि उन्होंने बचपन में ही गीता पढ़ ली थी. डायरेक्टर ने आगे कहा था, ”मुझे ये किताब पढ़ने के दौरान कुछ ऐसी चीजें थीं जिन्हें 10-12 बार पढ़ना पड़ा. लेकिन मैं समझ गया. इसके बाद मैं हर दिन कुछ पन्ने पढ़ता था. अब तो ये किताब मैं गहराई से जानता हूं. मैं लकी हूं कि मैंने बचपन में ही ये किताब पढ़ ली थी. किताब पढ़कर मुझे लोगों को समझने में मदद मिली.”
इम्तियाज अली की फिल्में
16 जून 1971 को झारखंड के जमशेदपुर में जन्में इम्तियाज कई शानदार फिल्में बना चुके हैं. वो बॉलीवुड में लंबे समय से काम कर रहे हैं. उन्होंने अपने करियर में हाइवे, जब वी मेट, कोई दूसरा रास्ता, अमर सिंह चमकीला, सोचा ना था, जब हैरी मेट सेजल और रॉकस्टार जैसी फिल्में बनाई हैं.
