सलमान खान, आमिर खान, ऋतिक रोशन, रणबीर कपूर, अक्षय कुमार, मनोज बाजपेयी,गोविंदा जैसे कई बड़े सितारों ने हेयर ट्रांसप्लांट करा रखा है। जबकि बॉलीवुड के कई सितारे दिग्गज सितारे हेयर पैच का यूज करते हैं। हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. अखिलेंद्र सिंह ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान बताया कि शाहरुख खान और रणवीर सिंह के अलावा लगभग सारे स्टार्स ने ट्रांसप्लांट करवाया हुआ है। कई सेलिब्रिटी हेयर ट्रांसप्लांट, पीआरपी और एक्सोसोम्स जैसी आधुनिक तकनीकों के सहारे अपने लुक को कायम रखते हैं। आम लोग इन सितारों के जैसा लुक चाहते हैं। कई युवाओं की डिमांड विराट और रणवीर के जैसे बियर्ड लुक की होती है। बातचीत के दौरान डॉ. अखिलेंद्र सिंह ने हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़ी कुछ खास बातें साझा की। पेश है कुछ खास अंश.. सवाल: आपके पास सेलिब्रिटीज ज्यादा आते हैं, खासकर बालों को लेकर वो क्या रिक्वेस्ट करते हैं? जवाब: बॉलीवुड के लोग बालों की प्रॉब्लम बढ़ने नहीं देते। वो पहले से ही ट्रीटमेंट करा लेते हैं ताकि बाल झड़ने या गंजेपन की नौबत न आए। जैसे एक टीवी एक्टर हैं, जिनके बाल बहुत अच्छे हैं, फिर भी वो नियमित रूप से पीआरपी ट्रीटमेंट कराते हैं। उनका मानना है कि जेनेटिक रूप से बाल झड़ने का रिस्क हो सकता है, इसलिए वो पहले ही ध्यान रखते हैं। गंजेपन की सात स्टेज होती हैं। पहली स्टेज में हल्की थिनिंग शुरू होती है और सातवीं में सारे बाल चले जाते हैं। समझदार लोग तीसरी स्टेज तक पहुंचने से पहले ही ट्रीटमेंट शुरू कर देते हैं ताकि समस्या बढ़े नहीं। सवाल: आजकल पीआरपी बहुत ट्रेंड में है। ये होता क्या है और इसके फायदे क्या हैं? जवाब: पीआरपी एक रीजेनेरेटिव ट्रीटमेंट है, जिसमें मरीज के अपने खून से प्लेटलेट्स लेकर बालों या स्किन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें साइड इफेक्ट का डर नहीं होता क्योंकि सब कुछ आपके ही शरीर से लिया जाता है। अगर एक्सपीरियंस्ड डॉक्टर करें तो दर्द भी बहुत कम होता है। इससे बाल झड़ना कम होता है और नए बाल उगने में मदद मिलती है। यानी ये सेफ और नेचुरल ट्रीटमेंट है। सवाल: क्या इस इलाज में दर्द होता है? जवाब: इसमें बहुत हल्का दर्द होता है, पेनकिलर की जरूरत नहीं पड़ती। कभी जरूरत हो तो बस पैरासिटामोल दे देते हैं। इसमें पीआरपी (Platelet Rich Plasma) और उसका एडवांस वर्जन जीएफसी, साथ ही नए ट्रीटमेंट जैसे एक्सोसोम्स यूज किए जाते हैं। एक्सोसोम्स ब्लड से बनते हैं और सेल्स को ग्रोथ का मैसेज देते हैं जिससे हेयर ग्रोथ बेहतर होती है। हमने इसे लैब में टेस्ट किया है और इसका असर हेयर रूट तक पहुंचता है। यह ट्रीटमेंट बालों और स्किन दोनों के लिए फायदेमंद है और लुक नेचुरल रहता है। सवाल: एक्सोसोम क्या होते हैं? जवाब: एक्सोसोम बहुत छोटे कण होते हैं जो सेल्स के बीच संदेश पहुंचाने का काम करते हैं। इन्हें हमारे फैट, ब्लड या प्लेसेंटा से भी बनाया जा सकता है। ये नई तकनीक है, जो करीब दो साल से हेयर ट्रीटमेंट में इस्तेमाल हो रही है। अच्छा रिजल्ट पाने के लिए किसी अनुभवी स्किन या हेयर डॉक्टर से इलाज करवाना जरूरी है। सवाल: जो सेलेब्स 40-50 की उम्र पार कर चुके हैं, उन्हें बालों और स्किन की कौन-सी दिक्कतें सबसे ज्यादा होती हैं? जवाब: सेलेब्स को हमेशा फ्रेश और ग्लोइंग दिखना पड़ता है, इसलिए उनके लिए हेयर और स्किन की देखभाल मुश्किल भी होती है। शूटिंग में पसीना, धूप और स्टूडियो लाइट्स से नुकसान होता है। इसलिए वे प्रॉब्लम आने से पहले ही उसका ट्रीटमेंट शुरू कर देते हैं।जैसे हेयर प्रोटेक्शन स्प्रे, यूवी सीरम आदि। लोगों में एक बड़ा मिथ है कि शैम्पू करने से बाल गिरते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। रोज 50-100 बाल गिरना नॉर्मल है। अगर आप कई दिन बाद शैम्पू करते हैं, तो पुराने गिरे बाल एक साथ दिखते हैं, जिससे लगता है कि शैम्पू की वजह से बाल झड़ रहे हैं। सवाल: सेलेब्स के घने, रेशमी बाल देखकर लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं कि अपने बालों के हिसाब से कौन-सा शैंपू इस्तेमाल करें, कर्ली, स्ट्रेट या किसी और टाइप के लिए क्या सही रहता है? जवाब: शैंपू चुनना आसान है। सबसे जरूरी है कि वह पीएच बैलेंस्ड हो (लगभग 5.5) और उसमें हार्श केमिकल जैसे SLS, पैराबिन या फॉर्मेलडिहाइड न हों। ऐसे शैंपू स्कैल्प को नुकसान नहीं पहुंचाते। भारत जैसे देश में जहां पॉल्यूशन ज्यादा है, वहां हफ्ते में 3-4 बार शैंपू करना चाहिए। अगर किसी को डैंड्रफ, खुजली या स्कैल्प में सूजन हो, तो सामान्य शैंपू से नहीं, बल्कि डॉक्टर की सलाह से मेडिकेटिड शैंपू इस्तेमाल करना चाहिए। सवाल: जब हम सेलेब्रिटीज को देखते हैं, तो लगता है कि वे बहुत महंगे या विदेश से मंगाए हुए शैंपू इस्तेमाल करते होंगे। आम लोग वैसे चमकदार और सुंदर बाल कैसे पा सकते हैं? जवाब: जरूरी नहीं कि अच्छे बालों के लिए ₹4000 का महंगा शैंपू ही चाहिए। जो अच्छी क्वालिटी की बात मैंने बताई, वैसी क्वालिटी ₹400 के शैंपू में भी मिल सकती है। ऐसे शैंपू हर कोई खरीद सकता है, और ये भी उतना ही अच्छा काम करते हैं। इसलिए बहुत महंगे या फैंसी शैंपू की जरूरत नहीं होती। सवाल: शैंपू को लेकर कई मिथ हैं कि जितना महंगा शैंपू होगा, उतना अच्छा होगा। आप इस पर क्या कहेंगे? जवाब: अच्छा शैंपू वो है जो स्कैल्प साफ करे, वॉलेट नहीं। 400-600 रुपए में भी बेहतरीन शैंपू मिल जाते हैं। महंगे शैंपू अक्सर सिर्फ मार्केटिंग और ब्रांड की वजह से महंगे होते हैं। सवाल: सेलिब्रिटीज जब आपके पास आते हैं तो बालों को लेकर उनकी सबसे आम समस्या क्या होती है? जवाब: ज्यादातर लोग हेयरफॉल या हेयर ट्रांसप्लांट की बात करते हैं। जैसे टीवी एक्टर आकाश तलवार आए थे। उनके बाल अच्छे हैं, पर थोड़ी हेयर लाइन पीछे जाने की वजह से शूटिंग से पहले उन्हें हर बार सेटिंग करनी पड़ती थी। इसी कारण उन्होंने हेयर ट्रांसप्लांट करवाया। हमने अप्रैल या मई में उनका ट्रांसप्लांट किया था, और उन्हें बहुत अच्छे नतीजे मिले। अमिताभ बच्चन और चिरंजीवी जैसे कई बड़े सेलिब्रिटीज पैच का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ट्रांसप्लांट से ज्यादा नेचुरल लुक आता है। सवाल: आम जनता को बताइए कि हेयर पैच क्या होता है और इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं? जवाब: हेयर पैच एक तरह का नकली बालों का हिस्सा होता है, जिससे गंजेपन को छुपाया जाता है। हमने एक पेशेंट की हेयर लाइन ऐसे डिजाइन की कि पैच हटाने के बाद भी किसी को फर्क नहीं दिखा। उनका रिजल्ट बहुत नेचुरल था। रजा मुराद जी भी देखकर बोले कि पहचान ही नहीं चला कि ये ट्रांसप्लांट है। ये हमारे लिए कॉम्प्लिमेंट था। हेयर ट्रांसप्लांट साइंस और आर्ट दोनों का मिश्रण है। डॉक्टर को पेशेंट की मेडिकल कंडीशन जैसे बीपी या शुगर देखकर काम करना पड़ता है। अगर दिल में स्टंट है, तो कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह के बाद ही सर्जरी होती है। आर्ट ये है कि बाल इतने प्राकृतिक लगें कि किसी को ट्रांसप्लांट का पता न चले। हम लगातार नई टेक्नोलॉजी और तकनीक सीखते रहते हैं ताकि रिजल्ट और बेहतर हों। सवाल: कई सेलेब्स हेयर ट्रांसप्लांट के बाद भी पैच पहनते हैं, ऐसा क्यों? जवाब: हेयर पैच और हेयर विग में फर्क ये है कि पैच सिर के कुछ हिस्से पर लगाया जाता है, जबकि विग पूरा सिर कवर करता है। अगर किसी की उम्र ज्यादा है, बोल्डनेस बहुत बढ़ चुकी है या मेडिकल कारणों से ट्रांसप्लांट मुमकिन नहीं है, तो पैच या विग लगाया जाता है। कभी-कभी ट्रांसप्लांट खराब हो जाए और डोनर एरिया डैमेज हो जाए, तब भी पैच की जरूरत पड़ती है। वरना अगर ट्रांसप्लांट ठीक हुआ है तो अपने नेचुरल बालों की तरह उन्हें कट, शैंपू, खेल-कूद सब किया जा सकता है। सवाल: आजकल टर्की हेयर ट्रांसप्लांट के लिए बहुत पॉपुलर हुआ है, लोग वहां पैकेज लेकर जा रहे हैं। इस पर आपका क्या कहना है? जवाब: भारत में हर क्षेत्र में बहुत प्रतिस्पर्धा है, इसलिए जो डॉक्टर बनता है, उसने काफी मेहनत की होती है। भारत के डॉक्टरों के पास बहुत अनुभव होता है, और अब टेक्नोलॉजी भी विदेश जैसी ही है। जो मशीनें विदेशी डॉक्टर इस्तेमाल करते हैं, वही भारत में भी मिल जाती हैं। टर्की ज्यादातर यूरोपियन मरीजों पर काम करता है, उनकी स्किन और बाल इंडियन से अलग होते हैं। इसलिए भारतीय मरीजों का इलाज भारत में ही बेहतर होता है। टर्की में मेडिकल टूरिज्म के कारण कई अनऑथराइज क्लिनिक खुल गए हैं, जहां कुछ गलत मामलों की खबरें भी आई हैं। भारत में भी हेयर ट्रांसप्लांट की कीमत लगभग टर्की जैसी या उससे कम है, और डॉक्टर से फॉलो-अप भी आसान होता है। इसलिए हेयर ट्रांसप्लांट या कॉस्मेटिक सर्जरी के लिए भारत सबसे अच्छा विकल्प है, और यहां विदेशी मरीज भी बड़ी संख्या में आते हैं। सवाल:लोग सोचते हैं कि सेलेब्रिटीज हेयर ट्रांसप्लांट बाहर या टर्की जैसे देशों में कराते हैं। क्या इंडिया में भी अच्छे एक्सपर्ट्स हैं? और इसकी कॉस्ट कितनी होती है? जवाब: बाल झड़ना सामान्य बात है और हेयर ट्रांसप्लांट अब आम हो गया है। आजकल ज्यादातर सेलेब्रिटीज भी इंडिया में ही करा रहे हैं, क्योंकि यहां बहुत क्वालिफाइड और एक्सपीरियंस डॉक्टर हैं। कॉस्ट बाल झड़ने की स्थिति और सर्जरी की डिटेल पर निर्भर करती है, लेकिन आमतौर पर 1.5 लाख से 3 लाख रुपए के बीच में एक अच्छा हेयर ट्रांसप्लांट हो जाता है। सवाल: जब लोग हेयर ट्रांसप्लांट के लिए आपके पास आते हैं, तो उन्हें सबसे ज्यादा किस बात की चिंता होती है? वे क्या पूछते हैं, किस बात से डरते हैं और सर्जरी में कितना वक्त लगता है? जवाब: हेयर ट्रांसप्लांट एक छोटी सर्जरी होती है, लेकिन इसमें समय ज्यादा लगता है क्योंकि बाल बहुत बारीक होते हैं। लोगों को सबसे ज्यादा डर साइड इफेक्ट्स और दर्द का रहता है। वे ये भी पूछते हैं कि सर्जरी कितने घंटे चलेगी। अगर एक दिन में 3,000 ग्राफ्ट लगाए जाएं तो करीब 6 से 7 घंटे लगते हैं। अगर ग्राफ्ट ज्यादा हों या मरीज की उम्र ज्यादा हो, या डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी दिक्कतें हों, तो सर्जरी को दो दिन में पूरा किया जाता है ताकि कोई परेशानी न हो। पूरी प्रक्रिया बहुत ध्यान से की जाती है ताकि रिजल्ट अच्छा आए और मरीज को आराम रहे। सवाल: सर्जरी के बाद दर्द, सूजन या एनेस्थीसिया से दिक्कत होती है? खासकर सेलेब्स को शूटिंग के चलते प्रॉब्लम होती होगी? जवाब: ज्यादातर केस में न दर्द होता है, न सूजन। कभी-कभी एक पर्सेंट से भी कम पेशेंट में थोड़ी सूजन आती है, जो सही प्रिकॉशन से रोकी जा सकती है। जैसे सर्जरी के बाद ज्यादा ट्रैवल या झुककर काम न करना। हम बैंडेज और दवा देते हैं जिससे सूजन न हो। दर्द सिर्फ एनेस्थीसिया के पहले इंजेक्शन में हल्का महसूस होता है, जो बहुत मामूली होता है (2-3 में से 10 स्केल पर)। बाकी प्रोसीजर में पेशेंट टीवी, गाने या मैच देखकर आराम से रिलैक्स करते हैं। सेलेब्स भी 4-5 दिन में शूटिंग पर लौट जाते हैं। सवाल: सेलिब्रिटीज और क्रिकेटर्स हमेशा लाइट, धूप और बहुत सारे हेयर प्रोडक्ट्स के बीच रहते हैं। ट्रांसप्लांट के बाद वे बालों की देखभाल कैसे करते हैं ताकि कोई दिक्कत न हो? जवाब: ट्रांसप्लांट के बाल असली होते हैं और जेनेटिकली स्ट्रॉन्ग भी, इसलिए उन्हें ज्यादा केयर की जरूरत नहीं होती। असल में, ध्यान मौजूदा बालों की देखभाल पर देना जरूरी है ताकि वे झड़ें नहीं। इसके लिए दवाइयां, PRP और GFC जैसी ट्रीटमेंट्स होती हैं। अगर कोई कम उम्र में ट्रांसप्लांट कराता है तो ट्रीटमेंट बार-बार करनी पड़ती है, जबकि उम्र ज्यादा होने पर 6 महीने में एक बार काफी है। नियमित टच-अप से बालों का रिजल्ट लंबे समय तक बना रहता है। सवाल: आजकल बहुत लोग हेयर ट्रांसप्लांट के साथ-साथ बियर्ड ट्रांसप्लांट की भी बात कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक केस वायरल हुआ है जिसमें एक लड़के की बियर्ड बहुत खराब दिख रही है। इसके बारे में आप क्या कहेंगे? जवाब: ज्यादातर लोग विराट कोहली या रणवीर सिंह जैसी बियर्ड चाहते हैं, लेकिन बियर्ड की ग्रोथ जेनेटिक होती है और 28-30 साल तक नेचुरली बढ़ती रहती है। इसलिए इससे पहले ट्रांसप्लांट कराना सही नहीं है। बियर्ड ट्रांसप्लांट उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है जिन्हें स्कार छुपाने हैं या ट्रांसजेंडर केस में जहां बियर्ड नहीं आती। यह प्रोसीजर बहुत तकनीकी और कठिन होता है क्योंकि बालों का एंगल और डायरेक्शन सही होना जरूरी है, वरना बियर्ड खराब दिख सकती है। सवाल:आजकल सेलिब्रिटीज के बोल्ड लुक, पैटर्न और हेयर ट्रांसप्लांट की बातें हो रही हैं। क्या महिलाएं भी हेयर ट्रांसप्लांट करवाती हैं? जवाब: महिलाओं में आमतौर पर ट्रांसप्लांट की जरूरत कम होती है। ज्यादातर वो तब करवाती हैं जब माथा बहुत चौड़ा हो या हेयर लाइन पीछे चली गई हो। कुछ महिलाओं में टेम्पल के पास बाल झड़ते हैं, जिससे चेहरा पुरुषों जैसा लगने लगता है,तब ट्रांसप्लांट किया जाता है। महिलाओं के बाल झड़ने के कारण ज्यादा हैं- जैसे हार्मोनल बदलाव (पीसीओएस, बच्चे के जन्म के बाद या मेनोपॉज के समय), पोषण की कमी, और बार-बार केमिकल ट्रीटमेंट जैसे स्ट्रेटनिंग या पर्मिंग। इसलिए महिलाओं में हेयर फॉल आम है, लेकिन गंजापन ज्यादातर पुरुषों में दिखता है। सवाल: हाल में हुई कुछ डेथ केसों के बाद, क्या लोग डरते हैं और ऐसे मामलों को लेकर चिंतित रहते हैं? जवाब: नहीं, जो सेलिब्रिटीज या क्लाइंट्स आते हैं, उन्हें आमतौर पर डर नहीं होता क्योंकि वे किसी भरोसेमंद रिफरेंस से आते हैं और जानते हैं कि डॉक्टर क्वालिफाइड है। उनका ध्यान ज्यादा इस बात पर रहता है कि रिजल्ट नेचुरल दिखे, सूजन या डाउन टाइम न हो, और वे जल्दी से अपने काम पर लौट पाएं। डॉक्टर और पेशेंट का रिश्ता भरोसे पर आधारित होता है। जब पेशेंट डॉक्टर पर भरोसा करता है, तो डॉक्टर पर उसकी सुरक्षा और अच्छे रिजल्ट की जिम्मेदारी होती है। हेयर ट्रांसप्लांट में रिजल्ट अच्छा या बुरा, दोनों नजर आता है, इसलिए डॉक्टर को बहुत सावधानी रखनी पड़ती है। सवाल: कोई ऐसा ब्यूटी ट्रेंड या मिथ जिसे लोग मानते हैं, लेकिन सच नहीं है? जवाब: लोग सोचते हैं कि ज्यादा शैंपू करने से बाल झड़ते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। सही शैंपू अपनी स्कैल्प टाइप के हिसाब से चुनना चाहिए। ड्राई स्कैल्प के लिए अलग, ऑयली स्कैल्प के लिए अलग। हेयर फॉल रुकने के लिए असली कारण और इलाज जानना जरूरी है, सिर्फ शैंपू बदलने से फर्क नहीं पड़ता। महंगे शैंपू की भी जरूरत नहीं, अच्छे शैंपू 400–500 रुपए में मिल जाते हैं। सवाल: रेड कार्पेट या पार्टी में अच्छी स्किन और बालों के लिए आप लोगों को क्या टिप देते हैं? जवाब: अपनी स्किन का बेसिक ख्याल रखना जरूरी है। रोज सनस्क्रीन लगाना चाहिए, क्योंकि यह एंटी-एजिंग का काम करता है। स्किन को हमेशा मॉइश्चराइजर रखें ताकि वह ड्राई न हो। एक उम्र के बाद एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स जैसे रेटिनोल, कोलाजन, पीआरपी, हाइफू या लेजर आदि करवाए जा सकते हैं जिससे स्किन का नेचुरल ग्लो बना रहे। सवाल: क्या किसी सेलिब्रिटी ने सर्जरी के बाद आपके काम की तारीफ की या कोई खास सराहना की है? और जब वो आते हैं, तो क्या घबराते हैं? जवाब: ज्यादातर सेलिब्रिटी बहुत घबराते नहीं, बस कुछ सवाल पूछते हैं जैसे ठीक होने में कितना समय लगेगा या नतीजा कैसा रहेगा। हमें कई बार सराहना मिलती रहती है। कई लोग मिठाई या शादी के कार्ड लेकर आते हैं, बताते हैं कि सर्जरी के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ गया है। जो लोग कैमरा के सामने आते हैं, उनके लिए नई बालों की रेखा से उनका पुराना आत्मविश्वास और युवा रूप वापस आ जाता है। यह देखना बहुत अच्छा लगता है। सवाल: सेलेब्स में आपको सबसे अच्छी हेयर लाइन किसकी लगती है? जवाब: शाहरुख खान की। उनका 60वां बर्थडे हाल ही में गया है। वो जेनेटिकली ब्लेस्ड हैं, उनके पिता और बेटे आर्यन खान की भी हेयर लाइन बहुत अच्छी है। सवाल: कई एक्सपर्ट्स कहते हैं कि शाहरुख खान ने हेयर ट्रांसप्लांट कराया है। क्या यह सच है? जवाब: नहीं, शाहरुख खान ने हेयर ट्रांसप्लांट नहीं कराया है। उनके बाल नेचुरल हैं। उम्र, स्मोकिंग और कम नींद जैसी वजहों से थोड़ी थिनिंग आई है, लेकिन उनके जीन अच्छे हैं, इसलिए बाल अच्छे बने हुए हैं। स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल के बावजूद यह साबित करता है कि अगर जेनेटिक्स मजबूत हों तो बाल बने रहते हैं, और अगर न हों तो ट्रीटमेंट से सुधारे जा सकते हैं। सवाल: एक सेलेब जिसे आप ऑनेस्ट एडवाइस देना चाहें कि अब हेयर ट्रीटमेंट जरूरी है? जवाब:मुझे दो लोगों का बहुत लगता है। एक रणवीर शौरी साहब का लगता है और उनका ट्रांसप्लांट होगा, बहुत अच्छा रिज़ल्ट आएगा। और दूसरा, दीपक डोबरियाल का। सवाल: कई बड़े हेयरस्टाइलिस्ट गंजे होते हैं, लेकिन आप खुद की स्किन और बाल बहुत अच्छे रखते हैं। जब लोग आपके जैसे बाल और स्किन चाहते हैं, तो कैसा लगता है? जवाब: इससे पता चलता है कि मेरा इलाज असरदार है। बहुत लोग सेलिब्रिटी की फोटो लेकर आते हैं, खासकर सलमान खान के जैसे बाल करवाने। कुछ लोग मेरे जैसे बाल भी चाहते हैं। दरअसल, मेल में गंजापन आमतौर पर अनुवांशिक कारणों से होता है, जिसे एंड्रोजेनेटिक एलोपेशिया कहते हैं। मेरे परिवार में भी गंजापन था, लेकिन सही इलाज और केयर से इसे रोका जा सकता है। सवाल: आपको देखकर लगता नहीं कि हेयर लॉस की कोई दिक्कत होती होगी? जवाब- मैं और मेरा भाई बचपन से ही बालों का इलाज कराते रहे हैं, इसलिए हमारे बाल अच्छे हैं। पहले बाल झड़ने की समस्या 25 साल या उससे ज़्यादा उम्र में होती थी, लेकिन अब 16–17 साल के बच्चों में भी दिखने लगी है। बाल झड़ने की समस्या ज्यादातर 20 साल या उससे ज़्यादा उम्र के लोगों में दिखती थी। जिन्हें हेयर ट्रांसप्लांट की जरूरत होती थी, उनकी उम्र लगभग 25 साल या उससे ज़्यादा होती थी। सवाल: ऐसा क्यों हो रहा है? जवाब: इसके दो कारण हैं। पहला, जेनेटिक यानी जन्मजात कारण। दूसरा, एपिजेनेटिक कारण जैसे हमारी लाइफस्टाइल और माहौल। आजकल हवा में पॉल्यूशन बहुत बढ़ गया है, जिससे स्किन और बालों पर असर पड़ता है। साथ ही, बच्चों का स्क्रीन टाइम भी बहुत बढ़ गया है, जिससे और दिक्कतें हो रही हैं। सवाल- क्या मोबाइल, लैपटॉप या सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल बालों और स्किन को नुकसान पहुंचाता है? जवाब- देर रात तक स्क्रीन देखने से शरीर की नेचुरल टाइमिंग (सर्केडियन रिदम) बिगड़ती है, जिससे नींद और सेहत दोनों पर असर पड़ता है। इसका असर बालों और त्वचा पर भी दिखता है। लोग अक्सर सेलिब्रिटीज से बहुत प्रभावित होते हैं, लेकिन वे उनकी सफलता तो देखते हैं, उनका अनुशासन नहीं। बच्चन साहब की प्रतिष्ठा, परंपरा और अनुशासन, या शाहरुख खान और अक्षय कुमार का अनुशासित जीवन- यही उनकी सफलता की असली कुंजी है। अगर हम उस अनुशासन को नहीं अपनाएंगे, तो उसका असर हमारी त्वचा और बालों पर साफ दिखाई देगा।
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