
हिंदी सिनेमा में आपने संघर्ष से सफलता तक की कई हानियां सुनी होंगी. आज हम भी आपको एक ऐसी ही कहानी से रूबरू करा रहे हैं. ये कहानी एक ऐसे एक्टर की है, जो आज हिंदी सिनेमा के सबसे बेहतरीन एक्टर्स में से एक माना जाता है, लेकिन कभी ये ऑडिशन के लिए दर-दर भटकता था.
यहां बात हो रही है विकी कौशल की. पिता शाम कौशल के स्टंट डायरेक्टर होने के बावजूद विकी ने अपना रास्ता खुद बनाया और मंजिल भी पाई. लेकिन एक समय पर काम के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ा था और एक्टर को उस दौरान 1000 रिजेक्शन झेलने पड़े थे.
लंबी-लंबी कतारों में खड़े रहते थे विकी
विकी ने जूम टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, ”जब आप ऑडिशन देना शुरू करते हैं, आपको पता चलता है कि आप कितने पानी में हो. क्योंकि आप हजारों ऐसे लोगों के साथ कंपीट कर रहे होते हो, जो एक ही जॉब के लिए आए हैं. आप लंबी-लंबी कतारों में बाकी एक्टर्स के साथ खड़े होते हो और फिर ऐसे भी एक्टर्स हैं जो अंदर बैठे हैं और बहुत ही कमाल के एक्टर हैं और आपसे भी बेहतर कर रहे हैं. कभी-कभी ये चीजें आप पर हावी हो जाती हैं और आपके अंदर असुरक्षा की भावना आ जाती है.”
विकी ने झेले 1 हजार रिजेक्शन
अभिनेता ने आगे कहा था, ”लेकिन लोग यह नहीं सोचते कि अगर मैंने 10 ऑडिशन क्रैक किए तो मैं एक हजार ऑडिशन में फेल हुआ हूं. मैं एक हजार ऑडिशन्स में रिजेक्ट हुआ और सिर्फ 10 में सिलेक्ट हुआ. तो नजर आते हैं सिर्फ 10 मौके और सबको लगता है कि अरे ये तो आसानी से मिल गया. मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था. अगर मैं यहां से गिरा तो सीधा नीचे गिरुंगा. मेरे पास कोई प्लान बी नहीं था, जिससे हिम्मत मिलती.”
350 करोड़ी ‘उरी’ से मिली पहचान
विकी ने साल 2015 की फिल्म ‘मसान’ से एक्टिंग डेब्यू किया था. हालांकि उन्हें पहली बड़ी और खास पहचान 2019 में रिलीज हुई फिल्म ‘उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक’ से मिली थी. देशभक्ति पर बेस्ड ये फिल्म दुनियाभर में 341 करोड़ कमाकर ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी.
अब दी 800 करोड़ी ‘छावा’
उरी की ऐतिहासिक सफलता के बाद विकी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. ‘सरदार उधम’, ‘राजी’, ‘संजू’, और ‘सैम बहादुर’ जैसी फिल्मों से भी उन्होंने फैंस का दिल जीता. हाल ही में वो संभाजी महाराज के जीवन पर बेस्ड फिल्म ‘छावा’ में नजर आए. इस पिक्चर ने दुनियाभर में 800 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन किया है.
