<p style=”text-align: justify;”>रूस और भारत की दोस्ती सिर्फ राजनयिक नहीं रही, बल्कि फिल्मों के जरिए भी गहरी रही है. 1950 के दशक में जब सोवियत संघ (अब रूस) के लोग पहली बार राज कपूर की फिल्मों से रूबरू हुए, तब से लेकर 1991 तक, भारतीय फिल्मों ने वहां की सिनेमा संस्कृति में खास जगह बनाई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रूस में बॉलीवुड के प्रति प्रेम इतना था कि लोग घंटों कतार में खड़े होकर टिकट खरीदते थे. ऐसे में आइए जानते हैं रूस में अब तक की सबसे लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्मों के बारे में और क्यों वहां के लोग इन्हें आज भी याद करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रूस में पॉपुलर रही ये बॉलीवुड फिल्म्स </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>1. आवारा </strong><br />राज कपूर की ‘आवारा’ सोवियत लोगों के लिए एक क्रांति जैसी थी. राज कपूर ने इसमें खुद अभिनय किया और कहानी में अच्छाई और बुराई के बीच के अंतर को दिखाया. यह फिल्म रूस में चार साल देरी से आई और 63.7 मिलियन टिकट बिके. यहां तक कि सोवियत लोग इसे केवल फिल्म नहीं बल्कि एक संस्कृति के रूप में अपनाते थे.<br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/12/05/1ac318a0f083ce22493142e54a819e701764952769757969_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2. बॉबी </strong><br />राज कपूर के बेटे रणधीर कपूर के दौर की ‘बॉबी’ भी रूस में जबरदस्त हिट साबित हुई. गरीब लड़की और अमीर लड़के की प्रेम कहानी को देखने के लिए 62.6 मिलियन लोगों ने टिकट खरीदे. सोवियत दर्शक इस फिल्म में नई तरह की कहानी और स्टाइल देखकर काफी प्रभावित हुए.<br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/12/05/d716cd73bed7b8471a8df8e76565b7bb1764952755621969_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>3. डिस्को डांसर </strong><br />सोवियत लड़कों के लिए सबसे खास थी ‘डिस्को डांसर’. इसमें जिमी और एंटरटेनिंग म्यूजिक ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया. 60.9 मिलियन लोगों ने इसे देखा. लोग खासतौर पर ‘जिम्मी जिम्मी, आजा आजा’ गाने और फिल्म में दिखाए गए स्टाइल से प्रभावित हुए.<br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/12/05/ff4d5b14d74f2947677782e750cd7ed51764952731568969_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>4. बारूद </strong><br />’बारूद’ एक्शन और रोमांस का मेल था. अनूप नाम के लड़के ने अपने पिता की हत्या का बदला लेने का फैसला किया, लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब उसे अपने दुश्मन की बेटी से प्यार हो जाता है. सोवियत दर्शकों ने इसकी 60 मिलियन टिकटों की बिक्री के साथ जमकर तारीफ की.<br /><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/12/05/7de0b98b23012bc9db33c267c70846a61764952959682969_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>5. सीता और गीता</strong><br />हेमा मालिनी की फिल्म ‘सीता और गीता’ को देखने के लिए 55.2 मिलियन लोगों ने टिकट खरीदे. दो जुड़वां बहनों की कहानी सोवियत दर्शकों के दिलों को छू गई. यह फिल्म इतनी लोकप्रिय हुई कि किर्गिस्तान में एक माता-पिता ने अपनी जुड़वां बच्चियों के नाम सीता और गीता रख दिए.<br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/12/05/91328255df9c2f7713bf7f7a5c6725ef1764952717228969_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>6. ममता </strong><br />सुचित्रा सेन की ‘ममता’ 52.1 मिलियन लोगों ने देखी. कहानी एक महिला देवयानी की थी, जो बिना प्यार के शादी करती है और फिर अपनी बेटी से अलग हो जाती है. सोवियत लोग इसकी भावनाओं और मातृत्व की कहानी को बेहद पसंद करते थे.<br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/12/05/e6e56e82c4792979ef0025c08de8b52b1764952976238969_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>7. फूल और पत्थर </strong><br />मीना कुमारी और <a title=”धर्मेंद्र” href=”https://www.abplive.com/topic/dharmendra” data-type=”interlinkingkeywords”>धर्मेंद्र</a> की फिल्म ‘फूल और पत्थर’ के 45.4 मिलियन टिकट बिके. एक बीमार लड़की और चोर की कहानी ने दर्शकों के दिलों को छू लिया.<br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2025/12/05/373ce84d61109fbc13b31100b2d795c51764953045232969_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>सोवियत दर्शकों ने भारतीय फिल्मों को सिर्फ मनोरंजन के रूप में नहीं देखा, बल्कि इनमें दिखाए गए अच्छे और बुरे, प्यार और परिवार, संघर्ष और जीत जैसी भावनाओं को अपने जीवन से जोड़ा. रूस में आज भी बॉलीवुड फिल्म फेस्टिवल और रेट्रो शो बड़े उत्साह से आयोजित होते हैं.</p>
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